नगर पालिका की करतूत गरीवो के मकान आवंटन में भी भेद-भाव
– प्रतीक खरे
छतरपुर / मन मानी और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी छतरपुर नगर पालिका गोरईया रोड पर गरीवो के लिए बने मकानो के आवंटन में जम कर भाई भतीजा बाद करने में जुटी है | यहाँ मकान आबंटन के लिए नगर पालिका ने जो नियम ईजाद किये है वह हैरान करने बाले है, जो वास्तविक गरीब है और जिनके पास कही कोई मकान नहीं है उन्हें दुत्कार कर भगा दिया जाता है और जो आलीशान मकानो के मालिक है उन्हें दूसरे वार्डो का निवासी दर्शाकर सस्ती दरों पर मकान आवटित किये जा रहे है |
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक जितने लोगो को भी मकान आवटित किये गए है उनमे से अधिकांश आलीशान मकानो के मालिक है फिर भी उनके पते बदल कर ना सिर्फ मकान आवंटित कर दिए बल्कि रातो रात कब्जे भी दे दिए | इस पूरे खेल में नगर पालिका के धाकड़ बीरा की भूमिका तो संदेह के घेरे में है ही शशि सिंह की निष्पछता पर भी सबाल खडे हो रहे है | सूत्र बताते है की मुख्य नगर पालिका अधिकारी माधुरी शर्मा और अध्यक्ष ज्योति चौरसिया के बीच चल रहे शीत युद्ध का पूरा फायदा निचले कर्मचारी उठा रहे है, उन्होंने मनमानी की सारी हदे पार कर रखी है | खेमो में बटे पार्षद भी वे लगाम अधिकारियों को कावू में नहीं कर पा रहे और अध्यक्ष सिर्फ रबर स्टाम्प की भूमिका में है | परिणाम स्वरूप गरीब जनता दो पाटो के बीच पिसने पर मजबूर है | सूत्र बताते है की यदि किसी बेघर इंशान ने अच्छी कॉलोनी में किराये का मकान ले लिया तो उसे मकान की साढ़े तीन लाख कीमत चुकानी होंगी और किसी मकान मालिक के बेटे ने स्लम बस्ती का फर्जी किराया नामा लगा दिया तो उसे सिर्फ दो लाख रूपये में मकान सौंप दिया जाएगा | भारत के प्रधान मत्री की मंशा है की कोई भी व्यक्ति बे घर ना रहे, सरकार की यह मंशा श्रीमान धाकड़ की मर्जी के आगे बोनी सावित हो रही है |
