सफलता से हो गया मोदी जी का निजी काम
सुरेन्द्र अग्रवाल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी विधानसभा चुनाव में मतदान के एक हफ्ते पहले यानी 9 नवंबर को छतरपुर पधारे थे और उन्होंने स्टेडियम के मैदान में उपस्थित जनसमूह से अपना एक निजी काम करने का विनम्र निवेदन किया था। यह तो आप सभी को याद ही होगा? नहीं तो मैं याद दिला रहा हूं।
मोदी जी ने अपने उद्बोधन के अंत में अत्यंत विनम्रतापूर्वक कहा था कि आप लोग मेरा एक निजी काम करेंगे, जवाब में सभी ने एक स्वर से हां भी कहा था।
उन्होंने कहा था कि जो लोग अपनी निजी व्यस्तता के कारण इस सभा में नहीं आ सके हैं,उन सभी लोगों से मेरी ओर से राम राम बोलना। उनसे कहना कि मोदी ने आप से राम राम कहा है। उन्होंने अपने उद्बोधन में यह भी कहा था कि कांग्रेस को सत्ता के लिए सौ साल तक तरसाएं।
प्रधानमंत्री मोदी जी के राम राम बोलने का छतरपुर जिला ही नहीं संपूर्ण मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इतना व्यापक असर होगा यह किसी ने नहीं सोचा था। स्वयं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी यह भरोसा नहीं था कि केवल “राम राम” कहने का ऐसा जादू चल जाएगा। प्रभु श्री राम भारतीय जनमानस के आराध्य देव हैं। एक दूसरे का आमना-सामना होने पर सामान्य तौर पर सभी की जुबां से अकस्मात ही सही राम राम का स्वर निकलता है।
हमारे पौराणिक शास्त्रों में देव और दानव दोनों का अस्तित्व मिलता है। प्रत्येक युग में इन दोनों की उपस्थिति रही है।
जहरीले भाषणों का हश्र
याद कीजिए तामिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र स्टानिल का वह कथन जिसमें वह सनातन धर्म को इस धरा से समाप्त करने का आव्हान करता है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे कहते हैं कि अब कोई भी मोदी जी का चेहरा देखना पसंद नहीं करता। बिहार का मुख्यमंत्री हिन्दू त्योहारों जैसे होली, दीवाली की छुट्टियां निरस्त कर देता है और कोई प्रतिकार नहीं करता। कोई विरोध नहीं करता है। ये हिन्दू होकर भी हिन्दू धर्म संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं, वह भी केवल वोट बैंक के लिए।
राहुल गांधी को भारत माता की जय बोलने पर घोर आपत्ति है। राहुल गांधी ने भारतीय समाज को बांटने के लिए एक और जहर घोलने का कुत्सित प्रयास किया है। उन्होंने अपने लगभग सभी भाषणों में और सभी जगह जातिगत जनगणना का नारा दिया था। देखिए कांग्रेस के इन शीर्ष नेताओं के भाषण का क्या हश्र हुआ है।
मोदी का ब्रह्मास्त्र
मोदी जी ने केवल एक ही ब्रह्म वाक्य बोला कि आप सभी मेरी ओर से राम राम बोलना जो ब्रह्मास्त्र सिद्ध हो गया है।
जनबल के आगे धनबल
कांग्रेस ने बिजावर विधानसभा क्षेत्र से एक धनवान को टिकट दे दिया था। उस पर यह भी जिम्मेदारी थी कि वह बड़ामलहरा तथा चंदला के कांग्रेस प्रत्याशी की आर्थिक सहायता करेंगे। उन्होंने क्या किया यह तो पता नहीं लेकिन उन्होंने बिजावर के अन्य दावेदारों को अपनी रणनीति के तहत घर बैठा दिया। यहां तक कि पूर्व विधायक रेखा यादव ने सपा से मिला टिकट लौटा दिया। गजब की घेराबंदी की गई थी राजेश शुक्ला की। किंतु जनबल के आगे धनबल ने घुटने टेक दिए और राजेश शुक्ला छतरपुर जिले में सर्वाधिक वोट पाकर विजयी रहे।
पूर्व मंत्री भंवर राजा के पुत्र टीकाराजा का पार्टी के ही दिग्गज नेताओं ने खुलकर विरोध किया था, लेकिन उन्होंने अपने पिता की हार का बदला लेते हुए शानदार जीत दर्ज की है।
छतरपुर से प्रत्याशी ललिता यादव का भी टिकट मिलने के बाद जबरदस्त विरोध किया गया। विरोध तो चुनाव के दौरान भी चलता रहा। उन्हें पराजित करने लाखों रुपए पानी की तरह बहाए गए। जबकि वह चुनाव की तारीखों के ऐलान के बहुत पहले से सार्वजनिक रूप से यह कहतीं रहीं कि टिकट तो मुझे ही मिलेगा। उन्हें पराजित करने के सारे मंसूंबे धरे रह गए। देखिए यह होता है राम राम का प्रभाव।
जिन कर नाम लेत जग माहीं
सकल अमंगल मूल नासहिं
जिला प्रशासन को साधुवाद
मैं 1977 से लगातार चुनाव का संचालन, मतदान और मतगणना स्थल की व्यवस्थाओं को देखता आ रहा हूं। यह पहला मौका है जब जिला प्रशासन ने मतगणना स्थल पर इतने व्यवस्थित तरीके से सभी व्यवस्थाएं की। जैसे हम पत्रकार साथी किसी भव्य मैरिज गार्डन में प्रवेश करने जा रहे हों।
मतगणना स्थल से वापस आने के दौरान कालेज तिराहे से निकलना मुश्किल था सो मैं पुलिस लाइन होकर बड़े तालाब यानि नर्मदेश्वर मंदिर वाले रास्ते से आ रहा था जहां पर पचास मीटर की दूरी पर पुलिस के जवान यातायात व्यवस्था को बड़ी संजीदगी से संभाल रहे थे। जिला प्रशासन के नेतृत्वकर्ता कलेक्टर संदीप जीआर और पुलिस अधीक्षक अमित सांघी सहित उनके निर्देशन में कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारी इस अविस्मरणीय व्यवस्था के लिए साधुवाद के पात्र हैं।
और अंत में
विधानसभा चुनाव में विजयी रहे सभी उम्मीदवारों को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। उम्मीद है वे सभी जन आकांक्षाओं को पूरा करने में अपनी ऊर्जा का सदुपयोग करेंगे।
