अखिलेश यादव का सीएम योगी पर वार ? कहा साजिश रचना बंद करे सरकार??
दहाड़
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला किया। अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर साजिश रचने का आरोप लगाया।
दो आज़मगढ़ दिवसीय दौरे के दूसरे दिन अखिलेश यादव पूर्व मंत्री दुर्गा यादव के आवास पर मीडिया से बात कर रहे थे। अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में अगली सरकार समाजवादी पार्टी की ही बनेगी लेकिन रणनीति नहीं बताएंगे। अखिलेश ने कहा कि बाबा जी की सरकार साजिश करती है। अखिलेश ने यह भी साफ किया कि इस बार बड़े दलों से गठबंधन नहीं होगा। और उन्होंनें शिवपाल की पार्टी से गठबंधन के सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि यह घर का मामला है, बैठ कर आपस में समझ लेंगे। आज़मगढ़ का नाम बदलने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि नाम बदलने वालों का ही नाम बदल देंगे।
किसानों अन्दोलन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था। अब कम से कम सरकार एमएसपी ही दोगुना कर दे। अखिलेश ने विकास कार्यों में भेदभाव का भी सीएम योगी पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ मेरा क्षेत्र से इसलिए विकास रोका गया है। यहां कला भवन भी अधूरा पड़ा है। हवाई पट्टी अब तक वैसी की वैक ही है। साढ़े तीन साल में 4 किलोमीटर पट्टी अब तक नही बन पाई।
अखिलेश ने कहा कि ये लोग जानते हैं कि हवाई पट्टी बन जाएगी तो हम लोग ज़्यादा आएंगे। कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे हमारी योजना थी, उसे प्रधानमंत्री ने दोबारा शिलान्यास किया। पुराने ठेके को रद कर दिया गया। गुजरात की स्टेचू ऑफ यूनिटी जिस कम्पनी ने निर्माण किया था, हमने उसी ठेका दिया था। योगी बाबा ने दूसरे को ठेका दे दिया है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को सस्ते में बनाने की बात बहुत कही जा रही है। जब गुणवत्ता गिराई जाएगी तो सस्ती बनेगी ही।
वही कोरोना की रोकथाम को लेकर वैक्सीन के मैनेजमेंट पर भी उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना शाधते हुए। कहा, तमाम देशों में पूरी तैयारियां कर ली गई है लेकिन यहां पर कुछ अभी तैयारी नहीं है। बस हवा हवाई बातें बनाई जा रही है। वैक्सीन को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की हुईं है। बीजेपी खुद नियमो का पालन नहीं कर रही है। हैदराबाद का चुनाव हो या फिर बिहार के चुनाव, बीजेपी सरकार भीड़ इकट्ठा करने में लगी रही थी। उन्होंने बहुत दिनों से अपने आजमगढ़ न आने के सवाल पर कहा कि लॉकडाउन में अगर यहां आते तो हम ही पर सवाल खड़े किए जाते। उन्होंने कहा कि मै भी खुद मास्क लगाता हूँ और लोगों से भी मास्क लगाने की अपील भी करता हूँ। लेकिन भीड़ में जोश के चलते लोग इसका पालन नहीं कर पाते हैं। इसलिए वह लगातार समर्थकों से भी अपील करते रहते हैं।
इससे पहले किसानों के पक्ष में पदयात्रा की आशंका में सर्किट हाउस की घेरेबन्दी की गई। अखिलेश से मुलाकात की कोशिश में कार्यकर्ताओं ने बहुत धक्कामुक्की की और सर्किट हाउस का गेट भी कार्यकर्ताओ ने तोड़ दिया। इसी बीच अखिलेश भी बिना कार्यकर्ताओं से मिले पार्टी नेता के घर आयोजित कार्यक्रम में निकल गए।
लम्बे समय के बाद दो दिवसीय दौरे पर रविवार की रात अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे अखिलेश को लेकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ में जबरदस्त उत्साह था। अखिलेश का मुख्य कार्यक्रम दिवंगत वसीम अहमद के परिवार से मिलना था। और पार्टी नेताओं के वैवाहिक आयोजनों कार्यक्रम में जाना था। कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद अखिलेश सर्किट हाउस में ही रुके। इसी दौरान सोमवार को प्रदेश मुख्यालयों पर सपा के प्रदर्शन को देखते हुए सर्किट हाउस पर भारी पुलिस बल तैनाती कर दी गई। देर रात खुद डीआईजी अखिलेश से मिलने पहुंचे।
अपने नेता से मुलाकात और उनके साथ पदयात्रा की चाह में बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी सर्किट हाउस पहुंच गए। यहां पुलिस से धक्का-मुक्की भी शुरू हो गई। सपा कार्यकर्ताओ की धक्कामुक्की में सर्किट हाउस का गेट टूट गया। गेट टूटते ही सुरक्षाकर्मियों के माथे पसीना आ गया। किसी तरह सपाइयों को रोका गया। बङता हंगामा देख अखिलेश रानी की सराय स्थित पार्टी नेता इसरार के घर कार्यक्रम में चले गए। उनके निकलते ही जहां सपा कार्यकर्ता काफी निराश हुए वहीं पुलिस के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
आजमगढ़ पहुंचने पर उन्होंने भी अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि किसान केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य मांग रहा है लेकिन केंद्र सरकार किसानों का शोषण कर रही है। केंद्र की सरकार को पूजी पतियों की चिंता है। किसान हित की बात करना केवल उनका एक दिखावा है। किसान सर्दी के समय में लाठी खा रहा है । किसान अपना हक मांग रहे है लेकिन सरकार वह भी नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि बिजली के बिल के दाम एवं डीजल का मूल्य बेतहाशा बढ़ रहे है। किसानों को उनके गन्ना मूल्यों का भुगतान नहीं हो रहा है । धान बेचने में पूरी तरह से अराजकता रहा है। लेकिन सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है।
