शिक्षा के मंदिर मे छलके जाम, वीडियो वायरल होते ही अधिकारियों ने वैठाई जांच
छतरपुर । महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर इन दिनों शिक्षा के क्षेत्र में नाम रोशन करने के साथ ही वहां के कुछ कर्मचारियों की शर्मनाक हरकतों के कारण शर्मसार होना पड़ रहा है क्योंकि विश्वविद्यालय के लैब टैक् नीशियन आकाश जैन और उसके सहयोगियों का शराब पीने का वीडियो दो दिन से सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो पर जहां पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है वहीं अब विश्वविद्यालय प्रशासन भी हरकत में आया और वायरल वीडियो की जांच कराने के लिए समिति बनाने की बात कही जा रही है। शिक्षा के मंदिर में इस तरह की शर्मनाम हरकत करना घोर निंदनीय होने के साथ-साथ घिनौना कृत्य भी है। इससे विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी उगली उठने लगी है कि आखिर प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे देर रात तक यह सब चलता रहा और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों को इस बात की भनक भी नहीं लग सकी। बचाव के पक्ष में मैदान में कूदे कुुछ लोग इस वीडियो को पुराना बता रहे हैं। यदि वीडियो को पुराना ही मान लिया जाए तो क्या शराब पीना शिक्षा के मंदिर में उचित है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि जांच होने तक भ्रम न फैलाएं। इस तरह की घटनाओं से विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंच रही है साथ शिक्षा संस्थानों की पवित्रता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
वर्षों से एक ही पद पर जमे हैं आकाश जैन
सूत्रों के मुताबिक आकाश जैन बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में महाराजा कॉलेज के समय से पदस्थ हैं उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। वर्षों से एक पद पर जमे रहने के कारण आकाश जैन ने अपनी ऊँची पैठ बना रखी है। उनके पास परीक्षा, छात्रावृत्ति, प्रयोगशाला, आवासीय सहित अन्य कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ये सभी विभाग विश्वविद्यालय में कमाऊ के विभाग कहे जाते हैं जहां दिन भर मोटी कमाई होती है। तो वहीं रात में शानो शौकत पूरी करने के लिए शिक्षा के मंदिर को ही मदिरालय बना लिया जाता है। वीडियो पुराना होने की बात कहकर पर्दा डालने का जो प्रयास किया गया। वह भी एक निंदनीय कृत्य है भले ही वीडियो महीनों पुराना है लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि जिस व्यक्ति ने इस वीडियो को बनाया उस व्यक्ति के द्वारा इस वीडियो को लम्बे समय तक क्यों रखा गया। कहीं इस वीडियो को दबाकर रखने के लिए सौदेबाजी का खेल तो नहीं चलता रहा। जब सौदेबाजी नही हुई तो वीडियो को वायरल कर दिया गया।
युवा मोर्चा नेता पर्दा डालने का करता रहा प्रयास
इस मामले का वीडियो वायरल होने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा का एक नेता पर्दा डालने का प्रयास करता रहा। जब यह वीडियो एक सोशल ग्रुम जारी हुआ तो आनन फानन में उस सोशल ग्रुप को ऑनली एडमिन करके उस पर पर्दा डालने का पूरा प्रयास किया गया। लेकिन उन्हें इस प्रयास में सफलता नहीं मिल सकी।
एक संगठन पर लग रहे आरोप
ग्राम चौका निवासी सचिन राजा ने इस मामले में एक संगठन पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा है कि पैसे न मिलने पर इस तरह का वीडियो वायरल किया गया। पहले इस वीडियो को लेकर सौदेबाजी हुई लेकिन जब सौदेबाजी में सफलता नहीं मिली तो फिर वीडियो को वायरल कर दिया गया।
वायरल वीडियो पर विश्वविद्यालय ने गठित की जांच समिति
विगत रात्रि में सोशल मीडिया में एमसीबीयू में पदस्थ लेब टेक्नीशियन आकाश जैन का एक वीडियो वायरल किया गया है,जिसमें उन पर रात में अपने ऑफिस में कुछ लोगों के साथ शराब सेवन करने का आरोप लगाया गया है।इस वीडियो के वायरल होते ही तीन महीने पहले उक्त वीडियो बनाने वाले यूनिवर्सिटी के छात्र और एनएसएस के वरिष्ठ स्वयं सेवक अजय कुशवाहा ने एक वीडियो जारी कर इस वीडियो को करीब तीन माह पुराना बताते हुए इसमें एक अस्थाई कर्मचारी की भूमिका बताई और उसे वहां से यूनिवर्सिटी के कुलसचिव द्वारा हटवा दिए जाने की जानकारी दी है।अजय ने कहा कि जब उन्होंने सच्चाई जानने का प्रयास किया तो पता चला कि आकाश जैन शराब सेवन नहीं कर रहे थे।जो अस्थाई कर्मचारी इसमें था,उसे कुलसचिव जी से तभी हटवा दिया था।अब जो भ्रामक खबर फैलाई जा रही है,वह झूठी है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस वीडियो के जारी होने के तुरंत बाद एक जांच समिति गठित कर दी है।वह सारे तथ्यों की जांच पड़ताल करेगी और वीडियो बनाने का उद्देश्य भी देखेगी।यूनिवर्सिटी के कुलसचिव ने मीडिया के बंधुओं से रिपोर्ट आने तक भ्रामक खबरें न फैलाने का अनुरोध किया है।जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे,उनसे आपको अवगत कराया जाएगा।
इनका कहना
वीडियो संज्ञान में आया है वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने समिति बना दी है। यह समिति इस वायरल वीडियो की जांच कर सच्चाई सामने आयेगी। सच्चाई सामने आते ही आकाश जैन के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
यशवंत पटेल
कुलसचिव, महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर
