……सच यह है की गुरु ही पूर्ण मां है: पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
बागेश्वर महाराज ने गुरु पूर्णिमा पर दिया आशीर्वाद, कहा हमेशा बालाजी के चरणों से जुड़े रहो
जिनके गुरु नहीं उनके आज से बालाजी गुरु है
दर्शन के लिये लगीं 5-5 सौ मीटर लंबी लाइन
छतरपुर। सिद्ध तीर्थ बागेश्वर धाम में तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दूसरे दिन सुबह से ही बागेश्वर धाम में लाखों जन समुदाय देखने को मिला। धाम आने वाले लोगों को बालाजी की चरण पादुकाओं का पूजन करने का अवसर मिला। पादुका पूजन और गुरु दर्शन का सिलसिला लगातार चलता रहा। समुदाय इतना अधिक रहा कि दर्शन के लिये 5-5 सौ मीटर लंबी लाइन लग गई। महराज श्री ने आशीर्वचन देकर सबका उत्साह बढ़ाया। महाराष्ट्र ने कहा कि यह सच है कि गुरु ही पूर्णिमा है यानी जो गुरु के सानिध्य में आ गया उसका जीवन संवर गया।
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बालाजी और सन्यासी बाबा के दर्शन करने में पश्चात हवन किया। गुरु दीक्षा प्राप्त शिष्यों ने महाराज श्री की आरती उतारी। देश विदेश से आए बागेश्वर धाम के अनुयायियों ने महाराज जी का आशीर्वाद लिया। महाराज श्री ने कहा कि जिसको बचपन में मां और जवानी में महात्मा का आशीर्वाद मिला उसे बुढ़ापे में परमात्मा का आशीर्वाद अवश्य मिलता है। हम सभी सौभाग्यशाली है कि सब बालाजी के भक्त हैं। उन्होंने कहा कि जिनके गुरु नहीं है वह आज से बालाजी को अपना गुरु मैन लें। बालाजी सबके जीवन में सुख समृद्धि देंगे, बालाजी से जनम जनम का रिश्ता जोड़ने से सबका कल्याण होगा और भक्ति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हम गुरु की याद में आनंदित है और आप सभी मस्त रहें।
आज करते हैं गुरु के घर भोजन
बागेश्वर महाराज के सभी श्रद्धालुओं से कहा कि आज बाला जी और सन्यासी बाबा का आशीर्वाद लेकर अन्नपूर्णा प्रसाद अवश्य लें, क्योंकि गुरु पूर्णिमा में गुरु के घर भोजन किया जाता है। अन्नपूर्णा में खीर, पूड़ी, सब्जी पुलाव सहित बहुत स्वादिष्ट भोजन तैयार किया गया है। चार सैकड़ा से अधिक लोग सुबह 4 से अन्नपूर्णा भंडारा तैयार करने में लगे रहे। भंडारा प्रभारी अजय सिंह गुर्जर ने बताया कि महाराज श्री के आदेश अनुसार गुरु पूर्णिमा में विशेष भोजन की व्यवस्था की गई है। भोजन में दाल, पुलाव, सब्जी, पूरी, खीर जैसे स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए गए हैं।
पैसे नहीं थे तो खाने का अनाज बेचकर आ गया गुरु के दर्शन करने, महाराज श्री ने किया मालामाल
महाराज श्री अपने भक्तों को ऐसे ही पागल नहीं कहते। भक्तों में अपने गुरु और बालाजी के प्रति पागलपन कूट-कूट कर भरा है। खंडवा जिले का एक पागल किराए के पैसे न होने पर खाने का अनाज ही बेचकर बागेश्वर धाम आ गया। जब महाराज श्री से उसकी भेंट हुई तब उसने अपनी परिस्थिति का बखान किया। महाराज श्री ने उसे आशीर्वाद के साथ-साथ वस्त्र और धनराशि देकर मालामाल कर दिया है। उन्होंने अपने इस पागल से कहा कि यहां से जाकर गेहूं खरीद लेना। खंडवा जिले के पीपल्या भावला के रहने वाला मोतीलाल आदिवासी जब पादुका पूजन और गुरु दर्शन के दौरान बीती रात महाराज श्री के सामने आया तो महाराज श्री नेउसे मंच पर बुला लिया। मंच पर आते हुए महाराज जी के पूछने पर उसने पूरी व्यथा सुनाई। मोतीलाल ने बताया कि उसे महाराज सपने में दिखे थे। सपने को सच मानकर वह पिछले सात बार से बागेश्वर धाम समय-समय पर आ रहा है। यह पहला अवसर है जब महाराज श्री के दर्शन हुए। महाराज श्री ने भी उसे आशीर्वाद दिया।
शिवनी की बेटियों ने महाराज श्री के चित्र को उकेरा, अद्भुत है पगड़ी
बागेश्वर धाम आईं शिवनी की बेटियों संगीता, अल्का विश्वकर्मा ने रंगोली के माध्यम से बागेश्वर महाराज के चित्र को सजीव बना दिया। महाराज श्री ने चित्र देखकर उसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि रंगोली से पगड़ी इतनी खूबसूरत सजाई गई है जैसे वास्तविक रूप से पगड़ी पहनाई गई हो। यह रंगोली 5 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद तैयार हुई । महाराज श्री ने बेटियों कि इस कलाकारी की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया।
आसपास के कई जिलों का आया पुलिस बल, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
पुलिस और प्रशासन द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बागेश्वर धाम में विशेष व्यवस्थाएं की गई है। आसपास के कई जिलों से पुलिस बल मंगाकर सुरक्षा में तैनात किया गया है। पांच सैकड़ा से अधिक पुलिस बल के अलावा प्रशासन की ओर से स्थानीय एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अनुविभाग के तहसीलदारों की भी ड्यूटी लगाई गई है। धाम आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान दिया जा रहा है । पुलिस और प्रशासन के साथ ही बागेश्वर धाम शिष्य मंडलों ने अपनी जिम्मेदारी संभाल रखी है। महिला मंडल महिलाओं को व्यवस्थित दर्शन कराने में विशेष योगदान दे रहा है।
