वजट के अभाव मै छः माह से अटका मनरेगा मजदूरों का भुगतान
कागजी खाना पूर्ति मै फसा जल गंगा सम्बर्धन अभियान
छतरपुर /सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाये वजट के अभाव मै दम तोड़ती नजर आ रही हैं | जिले मे संचालित मनरेगा योजना मै जहाँ छः माह से फूटी कोड़ी नहीं हैं तों बही चंदेल कालीन तालावो के जीर्णोद्धार के लिय जोर सोर से शुरू किया गया जल गंगा सम्बर्धन अभियान कागजी खाना पूर्ति मै ऐसा उलझा की अव तक एक भी तालाव के लिए टीएस, एएस जारी नहीं हो पाई | जब मनरेगा के अफसर प्रशासकीय स्वीकृति ही नहीं दे पाए तब फिर योजना की सफलता पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक हो जाता हैं |
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले भर मै मनरेगा के बुरे हाल हैं | हर मजदूर को रोजगार की गारंटी देने वाली रोजगार गारंटी योजना मै काम करने बाले मजदूर पिछले छः महीने से खाली पेट रह कर मजदूरी कर रहे हैं,क्योंकि उन्हें पिछले छः माह से मजदूरी नहीं मिली, ग्राम पंचायतो ने प्रशासन के दवाव मै आकर रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार मूलक काम तो करा लिए पर मजदूरों के वैक खातो मै दिसम्बर से फूटी कोड़ी नहीं आई | जिस कारण दिसम्बर माह से मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिली और ना ही मटेरियल सप्लाई करने बाले सप्लायरो को ईंट,पत्थर,गिट्टी, मुरम, बालू,सरिया,सीमेंट का पैसा मिला | सूत्र बताते हैं की पंचायते मजदूरी और निर्माण मै लगने बाली सामग्री के बिलो को तैयार भी कर रही हैं और भुगतान की खाना पूर्ति भी कर रही हैं पर किसी भी मजदूर को मजदूरी का पैसा उनके खातो मै नहीं पहुंच पा रहा हैं |
मध्य प्रदेश सरकार ने जिले भर के चंदेल कालीन तालावो का जीर्णोद्धार करने एवं अमृत सरोवर के तहत नए तालावो का निर्माण करने के लिए जल गंगा सम्बर्धन अभियान की शुरुआत की हैं | इस अभियान का उद्देश्य दम तोड़ चुके तालाबों को पुनरजीवित कर जमीनी जल स्तर को बढ़ाना हैं | इस योजना के कर्ता धर्ता अधिकारी अमृत सरोवर यानि नये तालाबों के निर्माण मै तों रूचि ले रहे हैं पर छतरपुर जिले का यह दुर्भाग्य है की जिला पंचायत मै बैठे मनरेगा के परियोजना अधिकारी डी के गुप्ता आज दिनांक तक चंदेल कालीन तालावो के गहरी करण के लिए एक भी प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं कर पाए | मई माह का लगभग आधा महीना निकल गया हैं | 15 जून के बाद वर्षाकाल प्रारम्भ हो जाएगा | तालावो के उद्धर के लिए अधिकारियों के पास सिर्फ एक महीना ही शेष है ऐसे मै इस अभियान को पालीता लगना तय माना जा रहा हैं | कई अधिकारियों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया की मनरेगा के परियोजना अधिकारी रोज नई नई क्योंरी लगा कर अभियान को फ्लॉप करने की कोशिस मै जुटे हैं | सूत्रों ने बताया की जैसे ही कुछ फाइले एएस के लिए फाइनल स्टेज पर पहुंची श्री गुप्ता ने फोटो की नई माँग करके फिर फाइले रोक दी | आशंका जताई जा रही हैं की मनरेगा के कार्यपालन यंत्री इस अभियान को वर्षा काल मै चलाने की योजना बना रहे हैं ताकि मूल्यांकन के पहले तालाबों मै पानी भर जाए और मन माना मूल्यांकन किया जा सके | आश्चर्य जनक हैं की जिले के लोकप्रिय कलेक्टर पार्थ जायसवाल जल गंगा अभियान को लेकर काफी सक्रियता दिखा रहे हैं और योजना की सफलता के लिए कड़ी धूप मै ताबड़ तोड़ भ्रमण कर खूब पसीना बहा रहे हैं पर अधीनस्थ अमला इस योजना को जानबूझ कर प्लीता लगाने मै जुटा हुआ हैं | इस संबंध मै जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तपस्या परिहार से बात कर बस्तु स्थिति जानने के लिए दूरभास पर संपर्क करने का प्रयास किया पर फोन रिसीब ना होने से उनसे वात नहीं हो सकी |
इनका कहना हैं:-
चंदेल कालीन तालाबों के लिए कितनी प्रशासकीय स्वीकृति हुई देख कर ही बता पाऊंगा | अमृत सरोवर नवीन तालावो के लिए अभी तक 25 स्वीकृतिया हो चूकी हैं |
–दिनेश कुमार गुप्ता
परियोजना अधिकारी
मनरेगा जिला पंचायत छरपुर
