12/08/2025

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विजय लक्ष्मी ने कराया भावांतर योजना का फर्जी पंजीयन

पीडि़त किसानों ने कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार

छतरपुर। गौरिहार तहसील क्षेत्र के ग्राम मनुरिया में भावान्तर योजना का लाभ लेने फर्जी किसान पंजीयन का गंभीर मामला सामने आया है। पीडि़त किसान सुरेन्द्र खरे, राजेन्द्र खरे, वीरेन्द्र खरे और रामेन्द्र खरे ने जिला मुख्यालय आकर कलेक्टर पार्थ जैसवाल को भावांतर योजना में फर्जी पंजीयन के प्रमाण लगाकर शिकायती पत्र सौंपा और इस फर्जीवाड़े की मास्टर माइंड आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विजय लक्ष्मी गुप्ता व उसके पति दयाशंकर गुप्ता के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

पीडि़त किसानों ने कलेक्टर को सौंपे शिकायती पत्र में बताया कि उनके नाम ग्राम मनुरिया में आराजी खसरा नम्बर 108, 109, 241, 479 कुल रकवा 1.076 हैक्टेयर भूमि है। गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विजय लक्ष्मी गुप्ता व उसके शिक्षक पति दयाशंकर गुप्ता ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर वर्ष 2025-26 में रवि फसल के लिए किसान पंजीयन करवा लिया है जिसका नम्बर 251238200067 है। उक्त शासकीय कर्मचारी दंपत्ति ने भावान्तर योजना का लाभ लेने के उद्देश्य से गांव के ही ओमप्रकाश, कामता, साधू, शिवनंदन, कमला, सुशीला, भवानीदीन, किन्ना, फुलिया व मैयादीन सहित दर्जनों किसानों के खसरा नम्बर इस फर्जी आईडी में जुड़वा लिए हैं और शासन की बड़ी राशि हड़पने की योजना बना डाली है। उक्त शासकीय कर्मचारी दंपत्ति ने इतना ही नहीं लाभ की रकम प्राप्त करने के लिए अपना स्टेट बैंक का खाता नम्बर 31794258467 भी रखा रखा है। इस फर्जी किसान आईडी का पंजीयन सेवा सहकारी समिति नाहरपुर में किया गया है। उक्त घोटालेबाजों ने सेवा सहकारी समिति नाहरपुर के कर्मचारियों से मिलकर 21 मार्च 2025 को पंजीयन करा लिया है।

 कैसे होगा घोटाला

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भावांतर योजना के अंतर्गत किसान की फसल बिक्री के समय जो अधिकतम दर होती है उसके बीच के अंतर का भुगतान किसान को किया जाता है। घोटाले की मास्टरमाइंड आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विजय लक्ष्मी गुप्ता ने लगभग 50 एकड़ भूमि का पंजीयन कराया है। इस पंजीयन पर मसूर की फसल का भावान्तर प्राप्त करने की योजना बनाई गई है। चूंकि छतरपुर जिले में मसूर की बिक्री दर लगभग 5800 रूपए प्रति क्विंटल है जबकि प्रदेश की बड़ी मंडियों में यही मसूर 6600 रूपए प्रति क्विंटल खरीदी जा रही है। उक्त सरकारी दंपत्ति ने 800 रूपए प्रति क्विंटल की दर से हजारों क्विंटल मसूर की भावांतर राशि प्राप्त करने की पूरी योजना बना ली है। यदि समय रहते कड़ी कार्यवाही नहीं की गई तो यह सरकारी कर्मचारी शासन से किसानों से मिलने वाली भावांतर की राशि हड़प कर जाएंगे।

अधिक संतान मामले में भी फंसा है शिक्षक

सूत्र बताते हैं कि ग्राम मनुरिया की जिस आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विजय लक्ष्मी गुप्ता के नाम से फर्जी किसान पंजीयन कराया गया है उसका पति शिक्षक है और 2001 के बाद उत्पन्न हुई तीसरी संतान मामले में जांच के घेरे में हैं। लेकिन शिक्षक दयाशंकर गुप्ता ने अपना यह मामला अपनी पहुंच के चलते दबा रखा है। बताया जाता है कि शिक्षक दयाशंकर गुप्ता को वर्ष 2001 के बाद तीसरी संतान के रूप में बउवा नाम का बेटा प्राप्त हुआ है लेकिन इस बेटे का नाम उक्त शिक्षक ने अपनी सर्विस बुक में दर्ज नहीं करवाया है।

 

 

 

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