आंगनवाड़ी केन्द्रो के लिए आई राशि एक साल से डंप, 150 केन्द्रो मैं बनने थे शौचालय, खुले मै शौच जा रहे बच्चे
-प्रतीक खरे
छतरपुर / सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन मैं जिला पंचायत भी फिसड्डी सावित हो रही हैं | जिस जिला पंचायत के कंधो पर जिले भर के ग्रामीण इलाको के विकास की जिम्मेदारी हो,जव वही अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन करना बंद कर दें और लापरवाही वरतने लगे तब ग्राम पंचायतो की लापरवाही के मुद्दे उठाना वेनामी हो जाता हैं |
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-2025 मैं सरकार ने महिला वाल विकास विभाग को तीन अलग अलग किस्तों मैं लगभग दो करोड़ रूपये आवंटित किये थे | इस भारी भरकम राशि से जिले के तकरीवन 150 से भी अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रो मै शौचालयो का निर्माण किया जाना था, पेयजल की व्यवस्था कराई जानी थी, विजली के कनेक्शन किये जाने थे, और जरूरत वंद केन्द्रो पर कुछ निर्माण कार्य भी कराये जाने थे | लेकिन जिम्मेदारो की लापरवाही के कारण वित्तीय वर्ष गुजर जाने के बाद भी उपलब्धि निल बटा सन्नाटा दिखाई दें रही हैं | शौचालयो का निर्माण ना हो पाने के कारण आँगनवाड़ी केंद्र जाने वाले छोटे छोटे बच्चों को शौच के लिए खुले मैं जाना पड़ रहा हैं तों वही दूसरी और आवंटित की गई राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी ना हो पाने के कारण चालू वित्तीय वर्ष मैं शेष आँगनवाड़ी केन्द्रो के लिए राशि आवंटन पर ब्रेक लगने की संभावनाये बढ़ गई हैं |
जिला पंचायत ने की लापरवाही
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आँगनवाडी केन्द्रो पर मूल भूत सुविधाएं मुहैया ना करापाने के इस बड़े मामले मै जिला पंचायत की बड़ी लापरवाही सामने आ रही हैं | महिला वाल विकास विभाग ने राशि मिलते ही इसे नोडल एजेंसी जिला पंचायत के खाते मै जमा करा दिया था | महिला वाल विकास विभाग द्वारा करीव तीन किस्तों मै यह राशि जिला पंचायत को दी गई पर जिला पंचायत इस राशि का उपयोग करना भूल गई | वाद मैं जव महिला वाल विकास के तत्कालीन अधिकारी राजीव सिंह ने इस विषय को लेकर जब जिला पंचायत से पत्राचार किया तों जिला पंचायत ने आनन फानन मैं यह राशि कुछ पंचायतो को आवटित कर दी | सूत्र बताते हैं की आँगनवाड़ी केन्द्रो के लिए आई इस राशि का बड़ा हिस्सा आज भी जिला पंचायत के खातो मैं डंप हैं और कुछ राशि ग्राम पंचायतो के बैंक खातो की शोभा बढ़ा रही हैं | इस संबंध मैं जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी तपस्या परिहार से उनका पक्ष जानने और वास्तविकता से रु-वरु होने का प्रयास किया गया पर उनसे संपर्क नहीं हो सका और महिला बाल विकास के अधिकारियों कर्मचारियो ने पूरे मामले पर चुप्पी साध लीं |
