बगैर पात्रता लग्जरी वाहनों का लुफ्त उठा रहे अफसर
छतरपुर। जिले के अधिकांश सरकारी दफ्तरों में लग्जरी और हाईब्रिड वाहन किराए पर लगाए जाकर सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ डालने की परम्परा चल पड़ी है। जिले का ऐसा कोई भी विभाग नहीं है जिस विभाग का अफसर लग्जरी और हाईब्रिड वाहन में घूमने का लुफ्त न उठा रहा हो। बता दें कि जिले में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को छोडक़र कोई भी ऐसा अधिकारी नहीं है जिसे अपने विभाग में अपने खुद के चलने के लिए लग्जरी वाहन किराए से लेने की पात्रता हो। उसके बाद भी अधिकारी मनमर्जी कर लग्जरी वाहनों का खुलेआम इस्तेमाल कर रहे हैं।
्रप्राप्त जानकारी के अनुसार मप्र शासन वित्त विभाग ने 28 दिसम्बर 2017 को किराए के वाहन लगाए जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए थे। जो दिशा निर्देश जारी किए गए थे उसके मुताबिक 7 हजार 600 रूपए गे्रड-पे प्राप्त करने वाले अधिकारी अधिकतम 6 लाख 50 हजार एक्स-शोरूम कीमत तक के किराए के वाहन का उपयोग कर सकते हैं। 8 हजार 700 से लेकर 8 हजार 900 गे्रड-पे पाने वाले अफसर अधिकतम 8 लाख कीमत तक का वाहन किराए पर लगा सकते हैं। इससे अधिक ग्रेड-पे वाले जो अफसर है उन्हें 10 लाख रूपए तक की कीमत का वाहन किराए से लगाकर घूमने की पात्रता है। लेकिन देखने में आ रहा है कि प्रत्येक विभाग प्रमुख एक्सयूव्ही, सफारी, बुलेरो, स्कार्पियो जैसे महंगे वाहनों को किराए पर लेकर घूम रहे हैं। इन महंगे वाहनों का किराया भी अधिक होता है जबकि गाइडलाईन के मुताबिक अधिकारियों को महंगे वाहन लगाने की पात्रता नहीं है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने अब तक किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तुत नहीं की है जिस कारण अधिकारी मनमर्जी के मालिक होकर महंगे वाहन किराए से लेकर उनका लुफ्त उठा रहे हैं।
