12/10/2025

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आज से 2 जून तक नौतपा, रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का होगा प्रवेश… इन बातों का रखे विशेष ध्यान

बैसाख महीने में ही गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है. इसके बाद ज्येष्ठ मास लगेगा. हर साल ज्येष्ठ माह में नौ दिन ऐसे होते हैं. जिसमें भीषण गर्मी पड़ती है, इन्हें नौतपा के नाम से जाना जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार, शनिवार 25 मई से नौतपा शुरू होगा और दो जून तक रहेगा. गर्मी के लिहाज से ये नौ दिन बेहद खतरनाक होते हैं. ज्येष्ठ महीने की शुरुआत में सूर्य देव कृतिका नक्षत्र से निकलकर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, इसके साथ ही नौतपा शुरू हो जाता है. इस बार सूर्यदेव 25 मई को सुबह 3:16 बजे पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और उसके बाद दो जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे.

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौतपा की अवधि 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक रहेगी. नौतपा में सूर्य से धरती तपने लगती है, सूर्य आग उगलते प्रतीत होते हैं और जल स्वतः खौलने लगता है. ज्योतिषी पंचांग नौतपा के दौरान इस बार भीषण गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी कर रहे हैं. यदि नौतपा के सभी दिन पूरे रहे तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है.

 

इन बातों का रखे विशेष ध्यान (Nautapa 2024)

बिना खाए घर से बाहर न निकलें: इस दौरान खाली पेट घर से बाहर जाने से बचें. इससे शरीर की ऊर्जा बनाए रखने में मदद मिलेगी.

मेहंदी लगाएं: महिलाओं को हाथ और पैरों पर मेहंदी लगानी चाहिए क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है और यह शरीर को ठंडक प्रदान करती है.

ग्लूकोज का सेवन: आवश्यकतानुसार ग्लूकोज का सेवन करते रहें ताकि शरीर में ऊर्जा की कमी न हो.

मुलायम और सूती कपड़े पहनें: इन दिनों में मुलायम और सूती कपड़े पहनना उचित होता है क्योंकि ये शरीर को ठंडक देते हैं.

तली-भुनी और मसालेदार चीजों से बचें: तली-भुनी और मसालेदार चीजों का सेवन न करें, क्योंकि ये शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं.

बासी खाना न खाएं: बासी खाने से बचें, ताजे और हल्के खाने का सेवन करें.

ज्योतिष और वैज्ञानिक महत्व

ज्योतिषीय दृष्टिकोण: ज्योतिषियों के अनुसार, नौतपा की अवधि में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है, जिससे सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं और अधिक गर्मी महसूस होती है. नौतपा के आखिरी दिनों में आंधी और बारिश की संभावना भी होती है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण: वैज्ञानिक दृष्टि से, मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती है, जिससे गर्मी अपने चरम पर होती है.

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