12/11/2025

Dhamaka News

Online Hindi News Portal

मंत्रिमंडल गठन को लेकर माथापच्ची, ये सीनियर नेता कर रहे लॉबिंग

भोपाल. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के साथ मंत्रिमंडल को लेकर भी भारी माथापच्ची करनी होगी, क्योंकि प्रदेश की मंत्रिमंडल की अधिकतम सीमा 34 पदों की है तो दूसरी ओर बीजेपी में इस बार 38 ऐसे मंत्री और सीनियर विधायक हैं. जो कैबिनेट में जगह पाने के लिए सपने संजाए हुए हैं.

मंत्रिमंडल विस्तार का मामला और उलझन भरा इसलिए भी है क्योंकि दो पूर्व केंद्रीय मंत्री समेत पांच पूर्व सांसद भी चुनाव जीत कर प्रदेश की सरकार में आमद दर्ज कराएंगे. जिन्हें कैबिनेट में जगह मिलना भी लगभग तय माना जा रहा है. उधर बीते सरकारों के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में एक साथ सभी मंत्री पदों पर जिम्मेदारी नहीं दी गई. लिहाजा मुख्यमंत्री अपने अधिकार के तहत कम से कम आधा दर्जन पद रिजर्व रखते आए हैं. ऐसे में यदि वर्तमान मंत्रियों को छोड़ दिया जाए तो एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति प्रदेश में बनेगी.

अंदरखाने की खबर यह भी है कि तीन बार के लगातार चुने गए विधायक भी कैबिनेट में आमद दर्ज कराने लॉबिंग कर रहे हैं. 38 वरिष्ठों की सूची में गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह, रीति पाठक, बिसाहूलाल साहू, नागेंद्र सिंह नागौद, भूपेंद्र सिंह, गिरीश गौतम, गोविंद सिंह राजपूत, एंदल सिंह कंसाना, नारायण सिंह कुशवाहा, बृजेंद्र सिंह यादव, शैलेंद्र जैन का नाम शामिल है.

इसके अलावा प्रदीप लारिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, मीना सिंह, संजय पाठक, अजय विश्नोई, सीताशरण शर्मा, सुरेंद्र पटवा, प्रभुराम चौधरी, विश्वास सारंग, करण सिंह वर्मा, विजय शाह, अर्चना चिटनिस, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, उषा ठाकुर, तुलसी सिलावट, मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग, ओम प्रकाश सकलेचा, नागेंद्र सिंह गुढ़ का नाम शामिल है.

मामले पर बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि संगठन में कोई सीनियर नहीं होता. सभी कार्यकर्ता बतौर ही काम करते हैं. किन्हें क्या और कब जिम्मेदारी दी जानी है यह संगठन तय करता है. दावा यह क्षेत्रवार भी मंत्री पद को लेकर सभी समीकरण तैयार हैं.

कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है कि बेईमानी करके सरकार तो बना ली. लेकिन अब तक मुख्यमंत्री पद के विचार नहीं कर पाए हैं. कमीशन की इस सरकार में कोई वरिष्ठ नहीं होता, जो जितना पैसा कमाकर सरकार और संगठन की झोली में देने का दावा करेगा, मंत्री भी उसी को बनाया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *