विशेष टिप्पणी:शिक्षा के शोरुम्स पर जुर्माना
-प्रतीक खरे
महज आठ माह के अल्प कार्यकाल मै कड़क प्रशासक बन कर उभरे छतरपुर कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने शिक्षा के नाम पर संचालित रसूख दारो के बड़े शोरूम्स पर नकेल कसते हुए एक एक लाख रूपये का जुर्माना ठोक कर कड़ा सन्देश दिया हैं | कलेक्टर पार्थ को इस कार्यवाही से लुटने-पिटने पर मजबूर अभिभावकों की दुआएं मिली और शिक्षा माफियाओ को नसीहत, नसीहत इस वात की कि बहुत हो गया अव सुधर जाओ | यदि अव भी नहीं सुधरे तों कड़ी कार्यवाही के लिए तैयार रहो |
खबर हैं कि क्लेक्टर ने अविभावको कि जेवो को बचाने के लिए पुस्तक मेले का आयोजन किया था | जिला पंचायत के सामने कलेक्टर जायसवाल ने जिस पवित्र और निश्छल भाव से पुस्तक मेले का आयोजन किया था शिक्षा माफियाओ ने उसके उलट कलुसित भाव का परिचय देते हुए अपने अपने स्कूलों मै चलने वाली कितावो को मार्केट से रातो रात गायव करवा दिया था | कुछ शिक्षा माफियाओ ने तों स्कूल प्रांगण मै ही शिक्षण सामग्री बेचने कि दुकाने सजा लीं थी और पुस्तक मेले की सफलता को पालीता लगा दिया था |तम-तमाए क्लेक्टर ने अपने मातहत अमले की मदद से कई शिक्षण संस्थानो से बड़ी मात्रा मै कोपिया, कितावे जप्त करवाई और शिक्षा की सवसे ऊँची दुकान दिल्ली पब्लिक स्कूल सहित सुमित एकेडमी, एडिफाई, डीसेंट इंग्लिश स्कूल, शीलिंग होम पब्लिक स्कूल को नोटिस थमा कर जब सवाल-जवाब तलब किये तों रसूख दार शिक्षा माफियाओ ने कलेक्टर के नोटिस को हल्के मै लेकर मन माने और गैर जिम्मेदारना तरीके से जवाब प्रस्तुत कर दिए, इन माफियाओ को जरा भी भान नहीं था की वर्तमान मै जिला प्रशासन कार्यवाही के नाम पर कागजी खाना पूर्ति नहीं वल्कि कार्यवाही को अंजाम तक पहुंचाता हैं, शिक्षा के मंदिरो को व्यापारिक प्रतिष्ठान समझने वाले शिक्षा माफिया यही गच्चा खाकर चने के धोखे लोहा चवा वैठे परिणाम कलेक्टर ने एक एक लाख का जुर्माना ठोक कर अक्ल ठिकाने लगा दी |
