12/12/2025

Dhamaka News

Online Hindi News Portal

सरवई में 5 हजार गायों के लिए पीपीपी मोड में बनेगी अत्याधुनिक गौशाला-दिलीप अहिरवार

Oplus_16908288

छतरपुर 12 दिसम्बर (कासं)।
जिले के सुदूर क्षेत्र में स्थित चंदला विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं मध्यप्रदेश शासन में पिछले दो वर्षों से वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री के रूप में काम कर रहे विधायक दिलीप अहिरवार ने बताया कि सरवई में पीपीपी मोड पर 5 हजार गायों के लिए अत्याधुनिक गौशाला का निर्माण किया जाएगा। इस गौशाला के लिए शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने यह बात अपने दो साल के सफलतम् कार्यकाल पूर्ण करने पर एक विशेष साक्षात्कार में कही।
वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि चंदला क्षेत्र में गायों की विकराल समस्या है। इस क्षेत्र का किसान गायों को लेकर परेशान है क्योंकि स्वच्छंद रूप से विचरण करने वाला गौवंश उनकी फसलों को नष्ट और तबाह कर देता है। किसानों की इस समस्या को गंभीरता से ध्यान में रखते हुए उन्होंने सरवई में एक अत्याधुनिक गौशाला निर्माण की स्वीकृति शासन से दिलवाई है। यह गौशाला पीपीपी मोड में होगी जिसमें 5 हजार गौवंश को रखा जा सकेगा।
मूलत: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के धर्म जागरण विभाग की पृष्ठ भूमि से आने वाले विधायक दिलीप अहिरवार ने लम्बे समय तक धर्म जागरण विभाग में काम किया। उन्होंने रामसेवा समिति में भी अपनी सेवाएं दीं। वे अहिरवार समाज के जिलाध्यक्ष भी रहे। उनकी इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए भाजपा ने उन्हें चंदला से विधायक का उम्मीदवार बनाया। वे पहली बार में ही न सिर्फ अच्छे मतों से चुनाव जीते बल्कि मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री का दर्ज दिया गया। महज दो साल के कार्यकाल में ही वे एक कुशल नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हुए हैं। अपनी दो साल की उपब्धियों पर उन्होंने कहा कि चंदला क्षेत्र सडक़ों और स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ था। उन्होंने अपने दो साल के अल्प कार्यकाल में इस क्षेत्र में काफी काम किया है। उन्होंने बताया कि बछौन से चंद्रपुरा तक 58 करोड़ की लागत से टू लेन सडक़ निर्माण का काम शुरू कराया गया है। कई ऐसे गांव थे जहां आजादी के बाद से अब तक पक्के पहुंच मार्ग नहीं थे। इस समस्या के निदान के लिए उन्होंने 2-3 किमी. दूरी बाली छोटी-छोटी लगभग 80 किमी. लम्बी सडक़ों का निर्माण करवाया। जिसकी लागत तकरीबन 70 करोड़ रूपए रही। उन्होंने बताया कि गौरिहार में एक आईटीआई कॉलेज खोलने की प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही गौरिहार को नगर परिषद् का दर्जा दिलाया जाएगा।
राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि चंदला क्षेत्र जिले के अंतिम छोर पर स्थित है और यहां स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी असुविधाएं थीं। उन्होंने इस काम को प्राथमिकता पर लिया और चंदला में 30 बिस्तर का अस्पताल स्वीकृत करवाया जिसके निर्माण का काम लगभग 70 प्रतिशत पूरा हो गया है। इतना ही नहीं उन्होंने अभी कुछ महीने पहले ही 5 डॉक्टरों की नियुक्ति भी यहां करवाई थी लेकिन कुछ चिकित्सकों ने किन्हीं कारणोंवश अपनी उपस्थिति नहीं दी है। अब ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित किया गया है जिनकी पृष्ठ भूमि इसी क्षेत्र से हैं और वे स्वेच्छा से इस क्षेत्र में काम करने के लिए तैयार है। ऐसे चिन्हित चिकित्सकों की तैनाती जल्द ही चंदला क्षेत्र में करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 11 करोड़ की लागत से चंदला अस्पताल में ही एक रहवासी कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है जहां चिकित्सकों की रहने की व्यवस्था की जाएगी।
इसके अलावा पूरे क्षेत्र में लगभग 30 स्थानों पर 25-25 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक भवनों का निर्माण करवाया गया है जो छोटे-छोटे गांव हैं वहां भी 10-10 लाख रूपए की लागत से सामुदायिक भवनों का निर्माण करवाया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ही उनके राजनैतिक गुरू हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही एक मात्र ऐसे पार्टी है जो सामान्य परिवारों से आने वाले कार्यकर्ताओं को भी बड़ा काम करने का मौका देती है। समाज में वैमनुष्यता और जातिगत विद्वेष फैलाने वाले वक्तव्यों पर उन्होंने कहा कि एससी एसटी वर्ग का सामाजिक जीवन अब काफी बदल गया है। अब इस वर्ग को लेकर केवल वही लोग विद्वेष फैलाने वाले बयान देते हैं जो इस वर्ग के वोट हथियाकर अपना राजनैतिक बजूद कायम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ग के लोगों को जब असली मदद की जरूरत थी तब ये लोग सामने नहीं आए और अब जब हमारे समाज के लोगों का जीवन स्तर बदल रहा है तब ऐसे लोग केवल राजनैतिक लाभ पाने के लिए बयानबाजियां करते रहते हैं। उन्होंने कहा ऐसे बयानों को कोई महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।
वन विभाग द्वारा किसानों को परेशान किए जाने के सवाल पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन विभाग केवल उसी भूमि पर हस्तक्षेप करता है जो भूमि वन विभाग के नक्शे में दर्ज होती है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भूमि वन क्षेत्र के बीच में भी आती है और यदि वह वन विभाग के नक्शे में दर्ज नहीं है तो ऐसी जमीनों को वन विभाग छूता भी नहीं है। कुल मिलाकर चंदला विधायक दिलीप अहिरवार का दो साल का अल्प कार्यकाल काफी उपलब्धियों भरा रहा और उन्होंने अपने इस दो साल के कार्यकाल में चंदला क्षेत्र की दशा और दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यही कारण है कि आज वह लोकप्रिय नेताओं की श्रेणी में शुमार हो गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *