जल निगम पन्ना में नियुक्ति घोटाला उजागर,महाप्रबंधक ने सेडमैप को पत्र भेजकर दी घोटाले की जानकारी
छतरपुर। जबसे उद्यमिता विकास केन्द्र सेडमैप ने नियम विरूद्ध तरीके से आउटसोर्स का काम शुरू किया है तभी से आउटसोर्स की भर्तीयों में आये दिन घोटाले के समाचार प्रकाश में आ रहे हैं। चूंकि सेडमैप ने अधिकारियों को गुमराह कर भण्डार क्रय नियम में अपने आप को सामिल करा लिया है जिस कारण सभी विभाग मजबूरीवश आउटसोर्सिंग के लिए सेडमैप का सहारा लेते हैं। गत 14-15 दिसम्बर को मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित परियोजना क्रियान्वयन इकाई पन्ना में 13 आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती हुई है। जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप किसी और ने नहीं बल्कि जल निगम परियोजना क्रियान्वयन इकाई पन्ना के महाप्रबंधक ने लगाए हैं। महाप्रबंधक ने इस आशय की एक चिट्ठी सेडमैप के नोडल अधिकारी को भी भेजी है।
सूत्रांे से मिली जानकारी के अनुसार सेडमैप ने बगैर किसी साक्षात्कार के 13 कर्मचारियों को जल निगम पन्ना में आउटसोर्स की नौकरी दे दी। जिसमें दिनेश कुमार प्रजापति, खालिद बेग, पूना रैकवार, रामसजीवन पाल, ब्रजकुमार राठौर, संजय लोधी, बृजेश कुमार अहिरवार, ब्रम्हदीन पाल, अर्चना ठाकुर, संजय खरे, राहुल शर्मा, उत्तम शिवहरे और संदीप नामदेव सामिल हैं। नियमानुसार जल निगम में आये आवेदनों के आधार पर कर्मचारियों के साक्षात्कार लिए जाने थे उसके बाद उनका चयन होना था। इस पूरी प्रक्रिया के लिए सेडमैप के नोडल अधिकारी ने 14-15 दिसम्बर की तिथि तय की थी, लेकिन सेडमैप के अधिकारी इस तिथि को पन्ना नहीं पहुंचे और सीधे नियुक्ति पत्र जारी कर दिये। जल निगम परियोजना क्रियान्वयन इकाई पन्ना के महाप्रबंधक ने 19 दिसम्ब को पत्र क्रमांक 5251/महाप्रबंधक/म.प्र.ज.नि.मर्या./परि. क्रि.ई./2023 के जरिए सेडमैप के नोडल अधिकारी को आपत्ति जताते हुए लिखा कि उपरोक्त दिनांक को आपका कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ एवं एक आवेदक ने इस नियुक्ति में 30 हजार रूपये देने का दाबा किया है जो कि अति संवेदनशील विषय है। उन्होंने लिखा कि भविष्य में साक्षात्कार हेतु उचित माध्यम अभ्यर्थी की सूची के साथ कार्यालय का जिम्मेदार कर्मचारी ही भेंजे एवं उक्त शिकायत का गंभीरता से विश्लेषण करें। महाप्रबंधक ने उक्त शिकायती पत्र की प्रतिलिपि परियोजना निदेशक, मध्यप्रदेष जल निगम मर्यादित भोपाल को भी भेजी है।
