12/15/2025

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घोटाले वाज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरपी गुप्ता सस्पेंड

आउटसोर्स भर्ती घोटाले में क्लेक्टर के प्रतिवेदन पर सागर कमिश्नर ने जारी किया आदेश

छतरपुर। सागर संभाग के कमिश्नर डॉ वीरेन्द्र सिंह रावत ने छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल के प्रस्ताव पर आखिरकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरपी गुप्ता को सस्पेंड कर ही दिया। डॉ गुप्ता पर आउटसोर्स भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप जांच में सही पाए जाने तथा अन्य मामलों को लेकर ये कार्यवाही की गई है। उन्हें सागर अटैच किया गया है।

गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार प्रतीक खरे ने आउटसोर्स से भर्ती 170 कर्मचारियों के मामले को लेकर कलेक्टर से शिकायत की थी। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार तथा जिला पंचायत की लेखाधिकारी सुहासिनी जैन से शिकायत की जांच कराई। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर कलेक्टर ने आउटसोर्स से नियुक्त सभी 170 कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त कर वर्ल्ड क्लास सर्विसेज इंदौर का अनुबंध निरस्त करने के आदेश सीएमएचओ डॉ गुप्ता को दिए थे। लेकिन डॉ गुप्ता ने कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करते हुए अभी तक न तो नियुक्तियां निरस्त की और न ही कंपनी से अनुबंध निरस्त किया।

कमिश्नर द्वारा जारी आदेश क्रमांक/344 / शाखा-पांच / 2025 सागर दिनांक 28 मार्च में कहा गया है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरपी गुप्ता द्वारा सेडमेप की आड़ में वर्ल्ड क्लास सर्विसेज इंदौर से मिलीभगत कर अवैधानिक तरीके से 170 आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में भंडार क्रय नियमों का पूर्णतः उल्लंघन किया जाना, पूर्व में कार्यरत आउटसोर्स एजेंसी वर्ल्ड क्लास सर्विसेस का कार्य संतोषप्रद न होने पर भी सेडमेप को अनुशंसा पत्र दिया जाना पाए जाने पर कलेक्टर द्वारा पत्र क्र/179/स्थापना/2025 दिनांक 12 मार्च से डॉ गुप्ता के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव भेजा गया था।

कलेक्टर के प्रस्ताव पर कमिश्नर ने 18 मार्च को सीएमएचओ डॉ गुप्ता को आरोप ज्ञापन जारी कर जवाब तलब किया था। डॉ गुप्ता ने 26 मार्च को जवाब भेजा जो समाधान कारक नहीं पाये जाने तथा कलेक्टर के 12 मार्च एवं 27 मार्च के प्रस्ताव से सहमत होते हुए कमिश्नर ने सीएमएचओ डॉ आरपी गुप्ता को प्रथम दृष्टया दोषी पाया। डॉ गुप्ता का कृत्य अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही, अनुशासनहीनता व स्वेच्छाचारी होने से कमिश्नर ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर कार्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, सागर संभाग सागर अटैच कर दिया।

इन मामलों में भी गड़बड़

कमिश्नर के आदेश में आउटसोर्स घोटाले के साथ ही ये मामले भी सामने आए जिनमें सीएमएचओ ने मनमानी की। सीएमएचओ ने शासन के नियमों के विपरीत स्वास्थ्य समिति तथा कलेक्टर के अनुमोदन के बिना डॉ कृष्णप्रताप सिंह को बड़ामलहरा बीएमओ का प्रभार सौंप दिया जबकि उनके विरूद्ध लोकायुक्त में शिकायत की जांच चल रही है। इसके अलावा डॉ हरगोविन्द सिंह राजपूत को कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अनुमोदन के बिना बीएमओ बड़ामलहरा का प्रभार सौंपा जाना, कलेक्टर के बार-बार टीएल बैठकों, विभिन्न समीक्षा बैठकों, जिला स्तरीय व्हीसी में निर्देश देने के उपरांत भी 70 प्लस के आयुष्मान कार्ड योजना में लक्ष्य के अनुरूप प्रगति नहीं लाने को कलेक्टर ने गंभीरता से लिया था। कलेक्टर ने सीएमएचओ की एक दिन की वेतन तक काटने के निर्देश दिए थे।

गलत जवाब देकर खात्मे का प्रयास

इतना ही नहीं डॉ गुप्ता द्वारा सीएम हेल्पलाईन पोर्टल पर दर्ज शिकायत क्र 28569250 एवं समाधान ऑनलाईन प्रकरण क्र 1000003594 का गलत जवाब दर्ज कर अनुशंसा सहित स्पेशल क्लोजर का प्रस्ताव क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवायें सागर को भेज दिया गया था। इस पर कलेक्टर द्वारा पत्र क्र/247/ स्थापना/2025 दिनांक 27 मार्च से डॉ गुप्ता के विरूद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव भेजा गया था। लगातार गड़बड़ी पर गड़बड़ी करते जाने से आखिरकार सीएमएचओ पर निलंबन की गाज गिर ही गई।

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