रिश्वत की पेशकश करने वाला शिक्षक सेवा से बर्खास्त
छतरपुर। लगभग डेढ़ वर्ष पहले जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तपस्या परिहार को 50 हजार रूपए की रिश्वत की पेशकश कर चर्चा में आए माध्यमिक शिक्षक विशाल अस्थाना को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर ने अंतत: लम्बी जांच प्रक्रिया के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया। लोक शिक्षण आयुक्त ने माध्यमिक शिक्षक श्री विशाल अस्थाना को अपने आदेश क्रमांक शिका./वि.जां./छतरपुर/2025/1429, सागर दिनांक 4 फरवरी 2025 के जरिए सेवा से पृथक कर दिया है।
गौरतलब हो कि गत वर्ष विधानसभा चुनाव के दौरान शासकीय माध्यमिक शाला कुपिया में तैनात माध्यमिक शिक्षक विशाल अस्थाना निर्वाचन के प्रशिक्षण में लगातार अनुपस्थित पाए जा रहे थे। इस मामले की जब जांच की गई तो ज्ञात हुआ कि श्री अस्थाना लगातार निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अव्हेलना कर रहे हैं जिस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था। श्री अस्थाना को निलंवन के बाद जो आरोप पत्र दिया गया था उसका जवाब 21 दिन में उन्हें प्रस्तुत करना था। उन्होंने 29 दिसम्बर 2023 को अपना उत्तर प्रस्तुत किया किंतु उत्तर संतोषजनक न होने के कारण उनके विरूद्ध विभागीय जांच संधारित की गई और इस जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी चंद्रसेन सिंह एवं बिजावर विकास खण्ड शिक्षाधिकारी सुनील कुमार हिंगवासिया को सौंपी गई थी। इन दोनों अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन में भी श्री अस्थाना अनुपस्थित रहने के आदी पाए गए और निर्वाचन के दौरान भी अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे। इन सभी जांचों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हें निलंबित कर दिया था। श्री अस्थाना ने निलंबन से वहाली हेतु जिले की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तपस्या सिंह परिहार को उनके कार्यालय में जाकर 50 हजार रूपए की रिश्वत देने की जैसी ही पेशकश की श्रीमती परिहार ने तुरंत पुलिस को बुलाकर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। थाना सिटी कोतवाली पुलिस ने इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत् अपराध दर्ज किया था। इन्हीं सब मामलों की लम्बी जांच के बाद आखिर श्री अस्थाना को दोषी पाया गया और 4 फरवरी को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।
