अवैध तरीके से बिना लीज के खदान बनाकर सेकड़ो घनमीटर पत्थर निकालकर किया जमीन को खोखला
क्रेशर प्लांट से निकलने वाली धूल के गुब्बार से ग्रामीण तथा राहगीरों को मुसीबत
_रत्नेश जैन रागी_
बकस्वाहा /-जब अधिकारी कार्यवाही के नाम पर टाल – मटोली करने लगे तो यह समझिये की मनमानी चर्म सीमा पर होती है । दर्जनों बार खबरे समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद भी जब अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करते तो शिकायतकर्ता भी असहाय महसूस करने लगते हैं । कलेक्टर की सीधी निगरानी में आने वाला खनिज विभाग भ्रष्टाचार का पर्याय बना हुआ है और क्रेशर संचालको के खिलाफ शिकायतों का अधिकारी अजब गजब तरीके से निराकरण कर रहे है ।
खबर ब्लॉक अंतर्गत मादपुर में एसआरडी स्टोन क्रेशर से है। बडगर धाम से लौट रहे पत्रकारों के समूह ने जब मादपुर के पास एस आर डी स्टोन क्रेशर जो मनोज शर्मा के नाम से संचालित है यह प्लांट मादपुर रोड से आधा किलोमीटर अंदर संचालित है लेकिन धूल के गुब्बार रोड तक इस स्थिति में धुंध किये थे कि सड़क के आर पार देखना मुश्किल हो रहा था जब सभी पत्रकार क्रेशर तक पहुंचे और क्रेशर को देखा तो आश्चर्यचकित रह गए , इस प्लांट में सरकार के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है क्रेशर संचालक की मनमानियां इस हद तक कि प्लांट क्षेत्र को कवर ही नहीं किया गया है। वाटर ड्रेपिंग नहीं की जा रही है तो वहीं वृक्षों के नाम पर एक पौधा भी नहीं लगाया गया ।
गौरतलब है कि क्रेशर प्लांट संचालन के लिए खनिज विभाग द्वारा सरकार के निर्धारित नियमों के मापदंड का पालन किए जाने की लिखित कार्रवाई की जाती है। तब जाकर संबंधित विभागों से एनओसी प्राप्त होती है। पर्यावरण विभाग द्वारा प्रदूषण निरोधी कार्य जैसे पौधे लगाना , पानी छिड़काव करना, बाउंड्री वॉल बनाना जैसे कार्यो के लिए भी लिखित करवाई करवाई की जाती है लेकिन इस प्लांट पर प्रदूषण तथा खनिज विभाग के नियमों को ताक पर रखकर प्लांट का संचालन किया जा रहा है।
अवैध खदान से पत्थर उत्खनन

एस आर डी क्रेशर के संचालक द्वारा अवैध तरीके से खदान बनाकर सैकड़ो घनमीटर पत्थर खोद लिया गया है और जमीन को खोखला बनाया जा रहा है । यहाँ खदान जांच का विषय है क्योकि क्रेशर संचालक एक खदान की लीज पर कई खदानों से पत्थर निकाल रहे है ।
फसलों को खतरा और सड़क दुर्घटनाएं से जूझ रहे ग्रामीण

मादपुर ग्राम के ग्रामवासियों ने बताया कि क्रेशर से निकलने वाले प्रदूषण से ग्राम वासियों का जीना दुर्लभ हो गया है वहीं हमारी फसलें भी खराब हो रही हैं , प्रदूषण से सांस लेने संबंधित बीमारी पनप रही है, यह क्रेशर के पास से बकस्वाहा-सागर मुख्य मार्ग निकला हुआ है जहां रोजाना सैकड़ों वाहनों का आना जाना है धूल का गुबार मुख्य मार्ग पर हमेशा फैला रहता है जिससे आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है।
ग्रामीणों को सिल्कोसिस का खतरा
एसडीआर स्टोन क्रेशर प्लांट के लगभग 1 किलोमीटर पर मादपुर गांव स्थित है। जिससे आस-पास के आवासीय क्षेत्र सहित मुख्य मार्ग से निकलने वाले राहगीरों को भी स्लोकोसिस नामक बीमारी होने की संभावना शत्-प्रतिशत बनी रहती है तथा प्लांट में काम कर रहे मजदूरों को भी किसी भी प्रकार की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा रही है जो रात-दिन अपनी जान जोखिम में डालकर प्लांट पर काम करने में लगे हुए है। वही बात की जाए स्टोन क्रेशर की खदानों की तो यह सड़क के नजदीक लगभग 40 फिट गहरी खदान खोदी गई है जो अवैध तरीके से अन्य खसरा नंबर पर खोदी गई है इस खसरा नंबर पर लीज स्वीकृत नहीं है अब देखना होगा कि अधिकारी इस पर क्या कार्यवाही करते है ? या हमेशा की तरह टाल-मटोली होती है ।
अमित मिश्रा खनिज अधिकारी का कहना
आपके द्वारा जानकारी मिली है मामला गंभीर है जांच करवाएंगे नियम विरुद्ध पाए जाने पर जल्द कार्यवाही करेंगे।
