स्वास्थ्य विभाग में आधी अधूरी कमेटी से टेंडर पास कराने की तैयारी
छतरपुर। हमेशा विवादों में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग ने किराए पर वाहन लगाने के लिए जो टेंडर प्रक्रिया लगभग 4 महीने पहले शुरू की थी अब उसे आधी-अधूरी कमेटी के जरिए पास कराने की पूरी तैयारी कर ली है। पहले तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मनमानी करते हुए तीन महीने तक टेंडर प्रक्रिया को बिना वजह लटकाए रखा और अब जब मनमाफिक फर्म से उनकी जुगलबंदी हो गई तो आधी-अधूरी कमेटी के जरिए टेंडर पास कराने की तैयारी कर ली।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिलेभर के स्वास्थ्य कार्यालयों में लगभग 30 वाहन किराए पर लिए जाने हेतु सितम्बर माह में निविदा सूचना जारी की थी। तब से लेकर अब तक इस निविदा प्रक्रिया को कोई न कोई बहाना लेकर अटकाए रखा गया और अब आधी-अधूरी कमेटी के जरिए टेंडर पास कराने की पूरी रूप रेखा तैयार कर ली है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस टेण्डर प्रक्रिया के लिए जिस कमेटी का गठन किया है उसमें चीफ मेडिकल ऑफिसर के अलावा जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम डॉ. धीरेन्द्र गुप्ता, जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वितीय डॉ. एस प्रजापति, जिला क्षय अधिकारी डॉ. रविन्द्र पटेल, डीपीएम राजेन्द्र खरे एवं अप्रशिक्षित एकाउंटेंट आरएस अवस्थी एवं प्रभात त्रिपाठी को शामिल किया है। अपर कलेक्टर मिलिन्द्र नागदेवे कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में इस पूरी टेंडर प्रक्रिया पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि इतनी बड़ी टेंडर प्रक्रिया में जिला स्तर का कोई भी ऐसा अधिकारी शामिल नहीं किया गया है जिसे वित्तीय मामलों में विशेषज्ञता हासिल हो। अब देखना यह है कि जिले के संवेदनशील कलेक्टर पार्थ जैसवाल इस आधी-अधूरी कमेटी के जरिए पास की गई टेंडर प्रक्रिया पर अपनी स्वीकृति प्रदान करते हैं या फिर दोबारा टेंडर प्रक्रिया अपनाने के निर्देश देते हैं।
बाक्स
ब्लैक लिस्ट कंपनी तीन साल से दे रही सेवाएं
स्वास्थ्य विभाग में भर्रेशाही का आलम यह है कि जिला अस्पताल में तीन साल से एक ऐसी कंपनी से मैन पावर सप्लाई का काम लिया जा रहा है जो कंपनी ब्लैकलिस्ट है। मजेदार बात यह है कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान भी यह आपत्ति लगाई गई थी कि जिस कामथेेन सिक्योरिटी सर्विस को यह काम सौंपा जा रहा है वह ब्लैक लिस्ट है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तब इस आपत्ति को अनदेखा कर रद्दी की टोकरी में फेंक दिया था। बताया जाता है कि मप्र शासन संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल की अपर संचालक सपना एस लोवंशी ने अपने पत्र क्रमांक 4/शिका./सेल-1/सतना/2022/1346 दिनांक 30 जुलाई 2022 को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से कहा था कि रीवा संयुक्त संचालक की जांच के बाद कामथेन सिक्योरिटी सर्विस को कालातीत ब्लैक लिस्ट किया गया है। उसके बाद ही इस कंपनी ने न सिर्फ सतना में काम हथियाया बल्कि छतरपुर में भी काम हासिल करने में कामयाबी पा ली। जिला अस्पताल में ब्लैक लिस्ट कंपनी द्वारा पिछले तीन वर्षों से सेवाएं दिए जाने का मामला कई बार सुर्खियों में आया पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस कंपनी का एग्रीमेंट न तो रद्द किया और न ही उससे इस संबंध में कभी कोई स्पष्टीकरण मांगा।
