वन भूमि पर कब्जा कर बनाये जा रहे टपरे
बिजावर|वन माफिया के लिए बिजावर वन परिक्षेत्र अनुकूल क्षेत्र साबित हो रहा है। वन संपदा के बेरोकटोक अवैध खनन और वन भूमि पर धड़ल्ले से अतिक्रमण के लिए लोग बिजावर का रुख कर रहे हैं। खबर है कि जेल मोहल्ला के पीछे देश के विभिन्न इलाकों से बड़ी तादाद में बिजावर आकर लोग अतिक्रमण कर अपने मकान बना रहे हैं। दर्जनों की तादाद में कच्चे टपरे वन विभाग के मुनारे के काफ़ी भीतर बना लिए गए। इतना ही नहीं यहां पर कंजला पर्वत के पानी को राजा के तालाब में ले जाने वाली नहर को भी तोड़ दिया गया। वहां पर भी अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है। यहां अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद है कि श्मशान घाट के पास पूर्व में नगर परिषद द्वारा बनाए जा रहे एक टीन सेट को अतिक्रमणकारियों ने विरोध करके बनने तक नहीं दिया और प्रशासन को बैक फुट पर जाना पड़ा था।
इसके अलावा राम टोरिया मंदिर के पीछे वन विभाग की जमीन में बहुत बड़ी तादाद में लोग अतिक्रमण कर रहे हैं और विभाग कार्रवाई के नाम पर वसूली में लग रहा। तो वहीं बिजावर बाजना मार्ग पर सड़क से लगकर ही धड़ल्ले से सागौन की लकड़ी काटी जा रही है। गुलाट तिराहे पर सागौन के कई ठूंठ सड़क किनारे दिखाई दे रहे हैं । तो वहीं हाल ही में ठीक तिराहे के सामने एक और पेड़ को काटने की कोशिश की गई। फिर इसमें आग लगा दी गई। ताकि यह गिर जाए। इतना ही नहीं यहां पर एक तालाब भी वन्य प्राणियों के पानी के लिए खोदा गया है। नाम मात्र के काम से अनुपयोगी जगह जेसीबी से खोदे इस तालाब में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका है। इतना ही नहीं यहां पर आए दिन कुल्हाड़ी की आवाज राहगीरों को सुनाई देती है। लोग जलाऊ लकड़ी के नाम पर पेड़ों को काटकर जानवरों के लिए ले जाने वाली पत्ती और चारा में छुपा कर लकड़ी की तस्करी कर रहे हैं। यही हाल नयाताल इलाके का भी है। यहां पर भी बड़े पैमाने पर लकड़ी की कटाई हो रही है।
