विशेष टिप्पणी : केंद्रीय मंत्री और पूर्व मंत्रियो के बीच सह मात का खेल
-प्रतीक खरे
छतरपुर /भाजपा के जन प्रतिनिधियों के बीच सालों से अंदर ही अंदर सुलग रही विरोध की चिंगारी अब ना सिर्फ शोला बन कर भड़़कने को बेताब होती नजर आने लगी है, बल्कि पूर्व मंत्रियों और केंद्रीय मंत्री के बीच खुलल्म खुल्ला शह और मात का खेल भी शुरू हो चुका है | पूर्व मंत्री भवर राजा की प्रेस काँफ्रेस ने विरोध की जिस आग को सुलगाने का काम किया उसमें पूर्व मंत्री ललिता यादव ने भी अपने बयानों का होम लगा कर आग को और भड़काने का काम कर दिया तो वहीं हमेशा लो प्रोफ़ाइल में रहने वाले केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार भी व्यान मै खुल कर हिस्सा लेते नजर आए | राजनैतिक शतरंजी विसात पर शुरू हुए इस खेल में कौन किस पर भारी पड़े़गा किसकी हार होगी किसकी जीत होगी यह अभी नहीं कहा जा सकता पर इतना तय है कि हार भाजपा की होगी और विपक्ष को तीखे मिर्च मसाले वाला छोंका लगाने का मौका मिलेंगा |
शनिवार को पूर्व विधायक मानवेन्द्र सिंह भंवर राजा ने अपनी ही पार्टी के अनुसूचित जाती मोर्चा के एक पदाधिकारी के कंधो का इस्तेमाल कर केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार के विरुद्ध आरोपों की जबरदस्त फायरिंग की उन्होंने उन पर विधायकों के कामों मैं हस्तक्षेप करने से लेकर अपराधियों और पार्टी विरोधी ताकतों को संरक्षण देने तक के ना सिर्फ गंभीर आरोप लगाए बल्कि अपने ही एक प्यादे से उन्हें शह देने का भी प्रयास किया | केंद्रीय मंत्री के विरुद्ध भंवर राजा द्वारा छोड़े़ गए शब्द भेदी वाणों का समर्थन कर ललिता यादव ने विरोध की इस आग में घी डाल कर उसे और तीव्र कर दिया | पूर्व मंत्री और छतरपुर की सदर विधायक ललिता यादव ने दो टूक कह दिया की जो रिकॉर्डिंट कांग्रेस के ऐजेंट थे उन्हें सांसद प्रतिनिधि बनाना गलत है, वे भंवर राजा की बातों से सहमत हैं | दो-दो पूर्व मंत्रियों के शब्द बाणों का सामना कर रहे केंद्रिय मंत्री वीरेंद्र कुमार भी मीडिया के केमरों के सामने पहली बार मुखर दिखे ।उन्होंने भवर राजा को आइना दिखाते हुए यहाँ तक कह दिया की कथरी ओढ़ कर घी पीने बालों के मुँह से ऐसे शब्द शोभा नहीं देते है उन्होंने जवावी हमला बोलते हुए कहा कि अब क्या पीढियों से भाजपा का काम कर रहे कार्यकर्ताओं को आयातित नेता सर्टिफिकेट देंगे ।उन्होंने कहा कि किसे प्रतिनिधि बनाना है ये उनका अधिकार है | मतलब
मिट्टी गोड कर अखाडा़ तैयार कर लिया गया है पहलवान भी अखाड़े में खड़े होकर हुंकार भरने लगे हैं और अपने अपने भुजदंड ठोकने लगे हैं अभी इस राजनैतिक अखाड़े़ में एक दो पहलवान और कूंद सकते हैं | कुछ कृष्ण बन कर पवेलीयन में मै बैठे बैठे ही इशारों में बार प्रतिवार की युक्तियां बताएंगे और लोग कुछ दिन तक पोलिस कर चमकदार बना दिए गए शव्दों को चाय की चुस्कियों के साथ पढ़ेंगे |
