मां की सल्तनत को जबरिया चला रहा है बेटा, जनपद सीईओ ने पूरी मशीनरी झोंकी
बड़ामलहरा। जिले में प्रशासनिक अराजकता तथा अविवेकी नौकरशाही का जीता जागता उदाहरण बड़ामलहरा जनपद पंचायत सीईओ सुरेश कुमार मिश्रा की कार्यशैली से प्रदर्शित हो रहा है ,जहां सीईओ ने अपने पत्र क्रमांक – 235/जपं/2025 के द्वारा ग्राम पंचायत बछरावनी,सौरईं,रामटौरिया, सिमिरिया,पुरा पट्टी, भगवा, लिधौरा, कंवर खैरी, झिंगरी,गोरखपुरा, के सरपंच, उपयंत्री, रोजगार सहायकों को सूचित करते हुए जारी किया कि ज़िला पंचायत अध्यक्ष छतरपुर के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के नवीन पंजीयन,आवास प्लस सर्वे तथा अन्य विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ग्राम पंचायत में होना सुनिश्चित किया गया है। दिनांक 13/14/15 फरवरी को उक्त बैठक जिला पंचायत अध्यक्ष लेंगी ।किंतु जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र शशिकांत अग्निहोत्री बैठक लेते रहे तथ अधिकारी कर्मचारियों पर रौब झाड़ते रहे किंतु सीईओ सहित अन्य अधिकारियों ने इस बात को जानने की जहमत नहीं उठाई कि जिला पंचायत अध्यक्ष पुत्र किस हैसियत से उक्त शिविर में मुख्य अतिथि बने बैठे हैं और किस हैसियत से कर्मचारियों पर रोब जमा रहें हैं?
पंचायती राज में नहीं है प्रतिनिधि
पंचायती राज अधिनियम में सरपंच, उपसरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत अध्यक्ष, ज़िला पंचायत अध्यक्ष अपने प्रतिनिधि नियुक्त नहीं कर सकता न ही इस प्रकार का कोई प्रावधान है। वहीं महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि यदि महिला जनप्रतिनिधि हैं तो शासकीय बैठकों, कार्यक्रमों में उनके स्थान पर यदि उनके परिजन शिरकत करते हैं तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। एसडीएम सहित थाना चौकी प्रभारियों को भी जारी किया गया था पत्र। विवादित मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरेश कुमार मिश्रा पूर्व में नियमों को ताक रखकर मनमानी करने के लिए कुख्यात रहे हैं गत गणतंत्र दिवस समारोह में भी शासन की स्पष्ट गाईडलाइन के बाबजूद मुख्य समारोह के लिए नियमावली से हटकर मुख्य अतिथि का कार्ड छपवाकर अपनी तथा अपने वरिष्ठ अधिकारियों की छीछालेदर करवा चुके हैं। उक्त शिविर एवं समीक्षा बैठक हेतु सीईओ द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार बड़ामलहरा एवं घुवारा,ओआईसी घुवारा, विकास खंड शिक्षा अधिकारी,बी आर सी सी बड़ामलहरा, आजीविका मिशन,थाना/चौकी प्रभारी भगवा, रामटौरिया, घुवारा को भी पत्र जारी किया गया था।।
अंधेरगर्दी की इंतहा
जिले में महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति,पुत्र बैठकों में शामिल होते और जिम्मेदार अधिकारी इस विषय पर आपत्ति नहीं जताते जो इस बात का प्रमाण है कि नौकरशाही का स्तर किस हद तक गिर चुका है वहीं महिला सशक्तिकरण का ढिंढोरा पीटने वाले कथित नेता भी इस विषय पर लज्जाहीन बनकर मौन हो
