मासूम बच्चों का दर्द समझने वाले सर्जन डॉ मनोज चौधरी ने फिर किया कमाल
बिना ऑपरेशन किए दो बच्चों के गले मे फसे सिक्के और सीटी को सफलतापूर्वक निकाला
छतरपुर। एक ईश्वर ऊपर से लोगो के कष्ठ हरता है और एक धरती का भगवान डॉक्टर बनकर लोगो के कष्ट हरता है। ऐसे ही एक डॉक्टर हैं छतरपुर जिले के रहने बाले डॉक्टर मनोज चौधरी जो बिना ऑपरेशन के मासूम बच्चों के गले में फसे सिक्के,सोने के पेंडल और गले में फसी सीटी को निकालकर मासूम बच्चों के माता पिता के कष्ट दूर कर देते है।
ऐसा ही एक मामला छतरपुर जिला अस्पताल मे आया जिसमे ग्राम सिमरधा के रहने वाले सरदेव पटेल के डेढ़ साल के पुत्र प्रथम पटेल ने कुरकुरे के पैकेट में आने वाली एक प्लास्टिक की सीटी खेल-खेल में निगल ली और वह सीटी बच्चे के श्वास नली में जा फंसी जिससे बच्चों के मुंह से खून आने लगा था, आनंन फानन में परिजन उसे छतरपुर के जिला अस्पताल लेकर आए जहां पर डॉक्टर मनोज चौधरी मासूम प्रथम पटेल को जिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर ले गए जहां उन्होंने बिना ऑपरेशन किए बच्चे के श्वास नली में फसी सीटी को बाहर निकाल दिया।
इसी तरह दूसरा मामला ग्राम खैरो से आया जहां पर हरिश्चंद्र राजपूत की साढे तीन साल की बच्ची रीता ने खेल-खेल में 5 रुपये का सिक्का निगल लिया, जिस कारण से मासूम बच्ची के गले में दर्द होने लगा और बच्ची को उल्टियां होने लगी। रीता के परिजन तुरंत ही बच्ची को लेकर छतरपुर जिला अस्पताल पहुंचे जहां पर डॉक्टर मनोज चौधरी ने बिना ऑपरेशन किए ही मासूम रीता के गले में फंसे 5 रुपये के सिक्के को सफलतापूर्वक निकाल दिया। मासूम बच्चों के दर्द को समझने वाले डॉक्टर मनोज चौधरी का दोनों बच्चों के परिजनों ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
