विधानसभा में गूंजेगा छतरपुर का आउटसोर्स भर्ती घोटाला
छतरपुर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में हुए आउटसोर्स भर्ती घोटाले की गूंज विधानसभा में सुनाई देगी। महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक कामाख्या प्रताप सिंह ने स्वास्थ्य विभाग में हुए आउटसोर्स भर्ती घोटाले को उठाने के लिए विधानसभा में प्रश्र लगाया है। विधानसभा प्रश्र की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मच गया है और डॉक्टर गुप्ता सहित इस घोटाले से जुड़े सभी लोग विधानसभा को गुमराह करने की तैयारियों में जुट गए हैं।
ज्ञातव्य है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरपी गुप्ता ने अपने स्वार्थ को ध्यान में रखकर वल्र्ड क्लास सर्विसेस इंदौर को आवंटित एक प्रतिशत सर्विस चार्ज की दर पर आवंटित कार्य को 10 प्रतिशत सर्विस चार्ज की दर पर न सिर्फ शेडमेप को दे दिया बल्कि सिफारसी पत्र लिखकर यही काम उसी वल्र्ड क्लास सर्विसेस इंदौर को साढ़े 4 प्रतिशत की दर पर दिला दिया जो वल्र्ड क्लास सर्विसेस पिछले 4 साल से एक प्रतिशत की दर पर काम कर रही थी। सीएमएचओ डॉ. गुप्ता यही नहीं रूके उन्होंने इंदौर की इस बहुचर्चित कंपनी के सुपरवाईजरों के साथ सांठ-गांठ कर लगभग 170 कर्मचारियों को अवैधानिक तरीके से जिले के तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्त करवा दिया। डॉ. गुप्ता ने इस नियुक्ति के लिए न तो कहीं से आवेदन बुलाए न कहीं साक्षात्कार आयोजित कराया न ही मेरिट सूची बनाई और न ही यह उल्लेख किया कि इन नियुक्त कर्मचारियों का चयन किस आधार पर किया गया और किस-किस कर्मचारी को साक्षात्कार में कितने-कितने अंक मिले। सूत्र बताते हैं कि इस चर्चित आउटसोर्स भर्ती घोटाले के लिए पूरे जिले के गरीब युवकों से लगभग 2 करोड़ रूपए की वसूली की गई है। इस मामले की परतें खुलने के बाद कलेक्टर से लेकर कमिश्रर और स्वास्थ्य मंत्री तक इस मामले की प्रमाण सहित शिकायतें की गई पर कार्यवाही होना तो दूर अब तक किसी भी अधिकारी ने जांच करना तक उचित नहीं समझा। अधिकारियों के इस गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से नाराज होकर महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक कामाख्या प्रताप सिंह ने विधानसभा में आतारांकित प्रश्र क्रमांक 1075 लगा दिया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को 4 मार्च तक इस प्रश्र का जवाब भेजना है और विभाग के मंत्री राजेन्द्र शुक्ल 13 मार्च को सदन में इस चर्चित आउटसोर्स भर्ती घेाटाले पर अपना जबाब देंगे। अब देखना है कि विधानसभा में गूंजने के बाद भी इस घोटाले को अंजाम देने वाले सीएमएचओ आउटसोर्स एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाती है।
